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सोमवार, 6 फ़रवरी 2023

ग़ज़ल

तुम्हारे दिल में भी तूफ़ाँ उठा है
हमें भी प्यार तुमसे हो चला है

किसी अय्यार जैसे हो गए हो
तुम्हारा नाम मुझको रट गया है

तुम्हारी बात भी अब टालने में
मुझे अब ख़ुद से लड़ना पड़ रहा है

अजब सी कश्मकश है ज़िन्दगी में
कि मेरा मैं ही मुझसे जा रहा है

अभी तक मैं यहाँ पर सो रहा हूँ
मगर पिंजड़े का पंछी उड़ गया है

     ~ अश्विनी यादव