तुम्हें मुस्कुराना आता है
यानी मेरी आँखें चमकेंगीं
तुम्हें गले लगाना आता है
यानी मेरे ग़म बंट जाएंगें
तुम बात समझती हो सारी
सो मुझको सुकूँ मिल पायेगा
तुम सूरत में भी सीरत में भी
मेरे ख़्वाबों के जैसे हो
होंठ तुम्हारे सुर्ख गुलाबी
और आँखें हैं कजरारी सी
चूम लूँ मैं और खो जाऊँ
ये भी तो इक हसरत है
सबसे अव्वल ये कहना है
झुमके तुम पर जँचते हैं
साड़ी बिंदी हँसता चेहरा
बस इतनी तमन्ना है मेरी
हुस्न तुम्हारा सोने जैसा
आँखें हीरे जैसी हैं
हर इक नक्श तराशा यूँ है
जैसे नदी मुड़े कोई
इक दिन ये सारा कुछ भी
मेरे नाम करोगी तुम
हाए, ये भी तो इक दुनिया है
और उस में तुम अधिकारी हो।
हमें प्रयास करते रहना चाहिए ज्ञान और प्रेम बाँटने का, जिससे एक सभ्य समाज का निर्माण किया जा सके।
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बुधवार, 27 सितंबर 2023
नज़्म ~ जब ख़्वाब हक़ीक़त हो जाये
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