हमें प्रयास करते रहना चाहिए ज्ञान और प्रेम बाँटने का, जिससे एक सभ्य समाज का निर्माण किया जा सके।
मैंने हर सम्त उसे चाहा है बड़ी शिद्दत से मुझको लगता है वो मिल जाएगी सच कहूँ तो बड़ी तलब है मुझको जाने किस रोज़ को वो पास मेरे आएगी उसे इस तरह से चाह रहा हूँ अब तक उस तक ख़बर ये आख़िर कैसे जाएगी
~ अश्विनी यादव