हमें प्रयास करते रहना चाहिए ज्ञान और प्रेम बाँटने का, जिससे एक सभ्य समाज का निर्माण किया जा सके।
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शनिवार, 12 फ़रवरी 2022
नज़्म
मैंने हर सम्त उसे चाहा है
बड़ी शिद्दत से
मुझको लगता है
वो मिल जाएगी
सच कहूँ तो
बड़ी तलब है मुझको
जाने किस रोज़ को
वो पास मेरे आएगी
उसे इस तरह से
चाह रहा हूँ अब तक
उस तक ख़बर ये आख़िर
कैसे जाएगी
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