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वो इक चेहरा था जो
वो जो नाम था उसका
हाँ सब याद है मुझको
कुछ भूला नही हूँ मैं
तब हर शख़्स अच्छा था
जो हमशक़्ल थे तेरे
जो हमनाम थे तेरे
यार तमाम लोग मुझे
अब पसन्द नही बिल्कुल
जिनसे शक़्ल मिलती है
या आवाज़ मिलती है
जिनके नाम तुझ से है
नफरत है मुझे सबसे
जिन्हें प्यार करता था
जिनकी बात करता था
नफरत है मुझे सबसे...
नफरत है मुझे तुमसे...
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अश्विनी यादव
हमें प्रयास करते रहना चाहिए ज्ञान और प्रेम बाँटने का, जिससे एक सभ्य समाज का निर्माण किया जा सके।
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शुक्रवार, 13 सितंबर 2019
नज़्म
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