सब कुछ पहले जैसा हो जायेगा
न तुम्हारे आने से कुछ रुका था,
न ही अब थम जायेगा,
सब कुछ पहले जैसा हो जायेगा,
न सूरज का उगना रुकेगा,
न ही चंदा का आना,
न ही रुकेगी तारों की टिमटिम,
न हवाओ का इतराना,
न रुकेगी JIO की स्पीड,
और न IPL सीजन का आना,
न roadies का fever,
न तारक मेहता SAB पर आना,
ऐ काश कुछ बदलता जिंदगी में,
पर जब तुम थे सब वैसा रह जायेगा,
सुनो, सब पहले जैसा ही हो जायेगा,
हाँ शायद इतना फर्क पड़ा है मुझ पर
अब रातों में ख़ामोशी सी है,
दिन में छाया धुंधलापन है अब,
कुछ आदतें तुम डाली ही थी,
कुछ को तुमने बदला था तब,
उनमें से कुछ तो बदलेंगी,
कुछ फिर वैसे हो जाएंगी,
कुछ तो गिर कर सम्हलेंगी,
कुछ नई भी पड़ जाएंगी,
बस इतना जीवन में बदलेगा
बाकि फिर पहले जैसा हो जायेगा,
सब कुछ पहले जैसा हो जायेगा,
― प्रशांत त्रिपाठी