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शनिवार, 16 अक्टूबर 2021

इलेक्ट्रॉनिक कारों का बढ़ता कारवाँ

Tata EV :  जल्द ही हमारे बीच होगी

दुनिया की  कब तक की सबसे छोटी नैनो इलेक्ट्रिक  कार जिसे टाटा कम्पनी लॉन्च करेगी।

रतन टाटा ने लखटकिया कार से प्रसिद्ध Tata Nano लांच की थी जो कि लोगों को उनके मनमुताबिक़ नहीं मिल पाई थी लेकिन अब TATA ग्रुप बड़े बदलाव के साथ इलेक्ट्रॉनिक रूप से उतार रही है ये कार, जिसमें बहुत सी ख़ूबियाँ हैं  जिन्हें आप भी नकार नहीं सकते हैं।


जानिए क्यों इसके छा जाने की संभावनाएं अधिक हैं :

 नये दौर में इलेक्ट्रिक व्हीकल ही दुनिया भर में व्हीकल्स वर्ल्ड में सबसे बड़ा बाजार बनने की ओर अग्रसर है। अगर कम्पटीशन हो और टाटा पीछे रह जाये ऐसा सम्भव ही नहीं है, टाटा दुनिया की सबसे छोटी इलेक्ट्रिक कार ला रही है, जो कि कार बाजार में एक नई हलचल पैदा कर सकता है। गौरतलब है कि ये कार इलेक्ट्रिक होगी इसलिए इसे पेट्रोल-डीजल वाली पुरानी नैनो से छोटी ही रखी जायेगी। टाटा काे भरोसा है कि इलेक्ट्रिक नैनो दुनिया भर में छा जाएगी। ना केवल सस्ती होने की वजह से बल्कि छोटी और कम मेंटेनेंस की वजह से भी लोग इसे पसंद करेंगे।
आज कल की ट्रैफिक को देखते हुए ये छोटी कार काफ़ी किफ़ायती होगी ऐसा सम्भव है कि लोग इन कार की ओर आकर्षित भी होंगे।

चीनी की वुलिंग हांगगुआंग कंपनी के साथ हुआ करार

इस कम्पनी को छोटी चीज बनाने में महारत हासिल है। चीन की  एक कंपनी वुलिंग हांगगुआंग के साथ टाटा ने करार किया है। वुलिंग नैनो 2021 में लांच की जा चुकी है। इसमें दो ही लोग बैठ सकते हैं। चार मीटर की परिधि वाली इस कार यही  ख़ासियत इसे दुनिया की सबसे छोटी कार बनाती है।


चार्जिंग सुविधा और बैट्री व्यवस्था के बारे में जानिए 


स्पेस एडजस्ट्ट्ट और वेेेट बैैैलेेस की वजह से इसकी बैैैटरी सीट के नीचे रखी जायेगी। मोटर की अधिकतम टॉर्क क्षमता 85 एनएम है। इसकी अधिकतम गति 100 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी। इसमें बैटरी से 28 किलोवाट प्रति घंटा ऊर्जा की खपत होगी।सबसे बड़ी और आसान बात ये होनेे वाली है कि इसे 220 वोल्ट की घरेलू बिजली से 4.5 घंटे में पूरी तरह चार्ज किया जा सकेगा। टाटा कंपनी का दावा है कि एक बार चार्ज होने के बाद यह 305 किलोमीटर तक जाएगी, जो कि अभी के सभी समय के हिसाब से बहुुुत किफ़ायती होनेे वाला है।


अब ख़रीददारों पर इसका जादू बोलता है कि नहीं ये तो इसके आने के बाद ही पता चल सकेगा। पिछली NANO तो बुरी तरह से अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरी थी, पर इसमें संभावनाएं ज़्यादा दिखाई दे रही हैं।

नज़्म - “ तुम अछूत हो ,,

तुम नीच जाति के हो
तुम्हें पता तो होगा ही
क्या काम है तुम्हारा
क्या नाम है तुम्हारा
क्यों ग़ैर जाति के लोग
महज़ गाली समझते हैं

तुम्हारे हिस्से है गाली
तुम्हारी क़िस्मत है ठोकर
महज़ तुम्हारे छूने से
ये मन्दिर ये किताबें
ये कुएं, तालाब सब
यहाँ तलक कि मिट्टी भी
हो जाती है अछूत
तुम समझते क्यों नहीं
तुम अछूत हो, अछूत!

तुम्हें खेत जोतने है
घरों की नींव खोदनी है
नाले साफ करने हैं
सीवरों में उतरना है
यही सब करते हुए पागल
तुम्हें इक रोज़ मरना है
न ईश्वर तुम्हारा है
न ये लोग तुम्हारे हैं

ग़र तुम्हें अपना समझते तो
तुमसे प्यार भी करते
तुम्हारा मान भी रखते
अरे पगलों ज़रा जागो
झूठी नींदों को तोड़ो
अपने चारों तरफ़ देखो
इक इंसान बनने को
तुम कितने तंज़ सहते हो

घोड़ियाँ छीनी जाती हैं
मूँछे कटवाई जाती हैं
बेटियाँ नोंची जाती हैं
बोटियाँ फेंकी जाती हैं
करोगे क्या भला तुम भी
ये आदत हो चुकी अपनी
उन महलों की फ़सीलों पर
माथा टेकने से ग़र
तुम्हें फुर्सत मिले तो फिर
ज़रा सोचो इन सब के सबब
क्यों हड्डियाँ तोड़ी जाती हैं
क्यों तुम्हारी जानें जाती है

  
   ~ अश्विनी यादव