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रविवार, 1 अक्टूबर 2017

शख्सियत (मयंक यादव)

नमस्कार,
         एक बार फिर से शख्सियत के नए अंक में मैं आपका स्वागत करता हूं और आज 'मेरे अपनों' में से एक शख्सियत से आप लोगों को रूबरू कराता हूं...
      बेहद शांत, सौम्य, सरल, मृदुभाषी, होने के साथ साथ एक उम्दा लेखक, कवि, फोटोग्राफर,,,,,,और क्या क्या गिनाऊँ....बेहतरीन Writer, Poet, Photographer, Leader, Socialist, Player, Singer, Actor, Dancer, Teacher,  Brother, Friend,,,,,,होने के साथ मे एक अधिवक्ता, और भावी IAS भी है।
.......बिना किसी सस्पेंस को रखते हुए मैं आपको बता दूं कि मै मयंक यादव जी की बात कर रहा हूँ...
    मयंक भैया की पढ़ाई इंटरमीडिएट तक लखनऊ में ही हुई उसके बाद इन्होंने इलाहाबाद का रुख किया इलाहाबाद विश्वविद्यालय से b.a. पूरा किया उसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलबी पूरा किया लखनऊ विश्वविद्यालय से छात्र नेता रहते हुए कई आंदोलन में नेतृत्व किया था कई कल्चरल प्रोग्राम करवाए थे इन सभी के साथ साथ में विधि प्रतिनिधि पद पर चुनाव लड़ने की तैयारी भी थी और आज भैया जी दिल्ली में सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।
हमे कोई शक नही की जल्द ही आप आईएएस भी होंगें।

              अब आइए आपको बताते हैं कुछ दिलचस्प बातों से..... मैं ईलाहाबाद से लखनऊ भैया के पास नया नया आया था,
घर की बेल बजी मैं गेट खोला तो देखा कि एकदम नई रेसिंग बाइक के साथ स्मार्ट से, बेहतरीन पर्सनालिटी वाले  एक भाई साहब थे, जो चंद्रेश भैया जी से मिलने आये थे, अंदर आते हैं वह और भैया से कुछ देर बाद होती है मैं चाय बनाने  लगता हूं, तब पता चलता है कि उनका नाम मयंक यादव है, जो कि भैया के जूनियर भी है....छात्र नेता भी है।
     उस दिन जरा सी बात हुई थी हमारी ने पूछा कि क्या कर रहे हो हमने बताया कि इंजीनियरिंग चल रही है, फिर एक दो बार मुलाकात हुई....लेकिन सम्बन्ध ठीक से नही बने थे मेरे....पर फेसबुक पर कभी कभी बात हुआ करती थी.... और मैं बनारस से लखनऊ आया था तब मयंक भैया से एक बेहतरीन मुलाकात हुई जिसके बाद हमारे संबंध काफी ज्यादा अच्छे हो गए थे और फोन पर वैसे भी बातचीत होती रहती थी समय सलाह अक्सर लेता रहता था मैंने बचपन में एक बार के बाद  हाल में कभी मूवी नहीं देखी थी, सो मयंक भैया के साथ पहली बार और मैं मूवी देखने गया...। भैया जब भी आते है तो कहीं न कहीं बाहर निकलते ही है हम लोग। मयंक भैया आज भी मेरा अनुज के जैसे ख़्याल रखते हैं......मुझे इस बात से अत्यंत प्रसन्नता है कि मुझे मेरे बड़े भाइयों द्वारा हमेशा से मार्गदर्शन, प्यार और सहयोग मिला है....जिसके लिए मैं ईश्वर का सदैव ऋणी रहूंगा.........।
      अब आते है हम....मयंक यादव जी के भविष्य के सोच पर, तो.....
पहला लक्ष्य है आईएएस क्वालीफाई करके जिलाधिकारी बनना, उसके बाद शिक्षा, सुरक्षा और सामाजिक अधिकार के लिए सदैव तत्पर रहना।
प्राथमिक विद्यालयों की दशा सुधारना जिससे देश के भविष्य की दिशा सही निर्धारित हो। उचित रोजगार के लिए....अपने जिले में ही कुछ लघु उद्योग की व्यवस्था करवाना। जिन चीजों से गरीब तपका दूर रहा है उन सभी प्रकार की कौशलताओ को। नए आयाम स्थापित करने में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देना। बाल विकास, महिला सशक्तिकरण, अनाथालयों,वृद्धाश्रमों, और किसानों की हित आदि के लिए समय समय पर नई  योजनाओं के लिए प्रतिबद्ध रहना.....
सर्वाधिक महत्वपूर्ण है साक्षरता, जिसके लिए पूरी कोशिश होगी कि जिले के हर गांव का प्रत्येक सदस्य साक्षर हो।
.........मैं अश्विनी, अनुज के तौर पर ये कामना करता हूँ कि आपकी सभी इच्छाएं पूरी हो, तभी हम सभी को एक अच्छा अधिकारी और तम को हरने वाला सूरज मिलेगा।

              ― अश्विनी यादव