राधा रानी को मेरे घर भी आना होगा
संग में कान्हा जी को लेकर ही आना होगा....
आना होगा...आना होगा....
हम तो पलकें बिछाये बैठे हैं राहों में....
ख़्वाब लाखों सजाये बैठे हैं आँखों में...
ये दुनिया हमसे गिला करती वादों पर...
नाम तेरा ही लिक्खे रहती है अधरों पर..
आख़िर क्यूँ...?
इस जीवन से कब ग़म का जाना होगा..
मेरे मोहन मेरे प्यारे का आना होगा....
हाँ आना होगा.... आना होगा....
राधा रानी को मेरे घर भी आना होगा
संग में कान्हा जी को लेकर ही आना होगा...
बिन सांवरिया के मुहब्बत का मानी क्या है..
सुन मीरा को तो जानो ये कहानी क्या है..
ऐसे भला कौन रहेगा यूँ जोगन बनकर...