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शुक्रवार, 3 दिसंबर 2021

भारत भूषण पंत

भारत भूषण पंत ( जन्म 3 जून 1958 - मृत्यु 11 नवम्बर 2019 ) उर्दू भाषा के साहित्यकार थे। वो लखनऊ में रहते थे। उन्होंने फ़िल्म धोखा (2007) में गीत लिखे हैं। [1]



उनकी ज़िन्दगी दर्द से भरी हुई थी, जब वे बड़े हो रहे थे तो उन्होंने अपने पिता को लम्बी बीमारी के बाद खो दिया। बाद में उनकी पत्नी उनका सहारा बनीं लेकिन उन्हें भी कैंसर हो गया और 2014 में वे भी इस दुनिया से विदा हो गयीं। पत्नी के देहांत के बाद पंत जी बिल्कुल अकेले रह गए।काॅपरेटिव की नौकरी से स्वैच्छिक सेवनिवृत्ति उन्होंने पहले ही ले ली थी। उनकी जिंदगी अकेलेपन का शिकार हो गयी। और बीमारी के कारण 11 नवम्बर 2019 को विवेकानंद हॉस्पिटल, लखनऊ में अंतिम साँस ली।

मुनव्वर राना,ख़ुशबीर शाद और भारत भूषण पंत तीनों ही वाली आसी साहब के शागिर्द थे।

कृतियाँ

तन्हाइयाँ कहती हैं

यूँ ही चुपचाप गुज़र जा (1995)

कोशिश (1988)

बेचेहरगी

मुझ पर मेरा साया पड़ गया (2021)

अन्य संकलित पुस्तकें:

हिंदुस्तानी तनाज़ुर

शुमार

अन्य :

फ़िल्म धोखा ( 2007 ) में गीत लिखे हैं। [2] [3]

मशहूर गायिका कविता सेठ के प्राइवेट अल्बम के लिए भी गीत लिखे हैं। [4]



अन्य कड़ियाँ

रेख़्ता बेवसाइट पर भारत भूषण पंत [5]Edit

कविता कोश पर भारत भूषण पंत [6]


अमीर इमाम

 अमीर इमाम (जन्म: 30 जून 1984, संभलउत्तर प्रदेश ) उर्दू भाषा के साहित्यकार हैं। अपनी पहली किताब नक़्श ए पा हवाओं के के लिए 2014 में साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। [1] [2]



                      तस्वीर- अमीर इमाम


व्यक्तिगत जीवन

शुरुआती शिक्षा संभल में हुई, बाद में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन, रुहेलखंड यूनिवर्सिटी से मास्टर्स (अंग्रेजी में मास्टर्स और बी एड एजुकेशन ) करने के बाद कुछ वक्त पत्रकारिता में स्टेट्समैन और हिन्दुस्तान टाइम्स में ट्रेनी जर्नलिस्ट के बतौर काम किया। इसके बाद एक किताब सुबह बखैर ज़िंदगी rekhta से प्रकाशित हुई।

इनकी पिछली छह पुश्तों से शायरी चली आ रही है।

कृतियाँ एवं सम्मानEdit

1 - नक़्श ए पा ज़िन्दगी के

2 - सुबह बख़ैर ज़िन्दगी ISBN 9788193440933

साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार ( 2014 ) से सम्मानित।साहित्य अकादमी पुरस्कार उर्दू

देश विदेश के कई जर्नल्स जैसे ज़हन ए जदीद, शेर ओ हिकमत, नया दौर आदि में ग़ज़लों का प्रकाशन हुआ है। कराची, बहरीन, अबू धाबी, दुबई में मुशायरो में शिरकत करके अपनी शायरी को आगे विदेशों में पहुँचाया।


बाहरी कड़ियाँEdit

रेख़्ता पर अमीर इमाम

कविताकोश पर अमीर इमाम

उर्दू प्वाइंट पर अमीर इमाम

जागरण पर अमीर इमाम

हिंदुस्तान टाइम्स [3]

साहित्य अकादमी पर अमीर इमाम [4]

अन्य कड़ियाँ [5]