अमीर इमाम (जन्म: 30 जून 1984, संभल, उत्तर प्रदेश ) उर्दू भाषा के साहित्यकार हैं। अपनी पहली किताब नक़्श ए पा हवाओं के के लिए 2014 में साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। [1] [2]
व्यक्तिगत जीवन
शुरुआती शिक्षा संभल में हुई, बाद में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन, रुहेलखंड यूनिवर्सिटी से मास्टर्स (अंग्रेजी में मास्टर्स और बी एड एजुकेशन ) करने के बाद कुछ वक्त पत्रकारिता में स्टेट्समैन और हिन्दुस्तान टाइम्स में ट्रेनी जर्नलिस्ट के बतौर काम किया। इसके बाद एक किताब सुबह बखैर ज़िंदगी rekhta से प्रकाशित हुई।
इनकी पिछली छह पुश्तों से शायरी चली आ रही है।
कृतियाँ एवं सम्मान
1 - नक़्श ए पा ज़िन्दगी के
2 - सुबह बख़ैर ज़िन्दगी ISBN 9788193440933
साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार ( 2014 ) से सम्मानित।साहित्य अकादमी पुरस्कार उर्दू
देश विदेश के कई जर्नल्स जैसे ज़हन ए जदीद, शेर ओ हिकमत, नया दौर आदि में ग़ज़लों का प्रकाशन हुआ है। कराची, बहरीन, अबू धाबी, दुबई में मुशायरो में शिरकत करके अपनी शायरी को आगे विदेशों में पहुँचाया।
बाहरी कड़ियाँ
साहित्य अकादमी पर अमीर इमाम [4]
अन्य कड़ियाँ [5]
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