थोड़ी सी धूप
थोड़ी सी ख़ुश्बू
हम चुरा लाये हैं
आज बगिया गए थे,
गुलमोहर के फूल
कुछ कुतरे से फल
हम उठा लाये हैं
आज बगिया गए थे,
कोयल की कूक
मोरनी की पीहू
हम सुना लाये हैं
आज बगिया गए थे,
मुस्कुराती घासें
बावली सी तितली
हम दिखा लाये है
आज बगिया गए थे।।
~ अश्विनी यादव