सच बोल देता हूँ तो वो दोस्त मुझसे नफ़रत करने लगता है, क्योंकि वो सच उसके ख़िलाफ़ हो जाता है। मैंने कभी भी उसको झूठा नहीं कहा, पर मैंने नजरिये से जो देखा सच बोल दिया।
हालांकि मैं भी उसे अच्छा लगता, बस उसके खाईं में गिरने तक उसकी हाँ में हाँ मिलाता रहता।
ख़ैर इसका एक और तरीका है मैं उसके हर किये पर टोकना बंद कर दूँ। जिसके लिए मुझे अपने आँख, कान बन्द करना पड़ेगा।
हमें प्रयास करते रहना चाहिए ज्ञान और प्रेम बाँटने का, जिससे एक सभ्य समाज का निर्माण किया जा सके।
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सोमवार, 17 सितंबर 2018
सच बोल देना चाहिए
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