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बुधवार, 25 सितंबर 2019

नज़्म (दुआएँ )

( घर के बच्चों के लिए दुआएँ )

नज़्म
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ओ मेरी नन्ही हथेली
तुम मेरी उँगली पकड़ो
कोशिश करो चलने की
अपने कदम आधे कर लूँगा
लेकिन तुम्हारे साथ चलूँगा
तुम बिना भय के चलो
मैं तुम्हें सम्हाल लूँगा
तुम्हारे छोटे छोटे होंठ
जब मुझे बुलाते हैं
बड़े प्यार से
सच कहूँ तो लगता है
ज़िन्दगी बस यहीं रुकी रहे
हम साथ चलते रहें
तुम बोलो बिना रुके 
मैं सुनता रहूँ, बस सुनता रहूँ....
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  अश्विनी यादव