हम भाई हम अच्छे हैं, आप अपना बताइए..?? इन शब्दों से शुरुआत होती है.... कभी प्यार से 'सर', भाई, भैया, नाम.....यार जो जी में आये से सम्बोधित करता हूँ आपको।
आइये मिलवाते हैं पेशे से पत्रकार हंसमुख और फ़िक्रमंद रहने वाले अपने भाई पुनीत सिंह 'प्रियम' जी से....।
बात उन दिनों की है जब हम घर पर यक्सर भी मिलते रहते थे माने हाल-चाल लेने को ही। आप कह सकते है हम 'लंगोटिया यार' हैं हलांकि हमने बदल के कभी पहनी नहीं है आज तक। हम दोनों लोग पड़ोसी हैं, और हमारे रिश्ते आज पानी+दूध की तरह हैं जिसे आजकल का समाजिक लैक्टोमीटर नही माप सकता है।
खैर छोड़िये ये सब बातें कुछ जानते है पुनीत भाई के बारे में____
बनारस, फ़ैजाबाद, इलाहबाद में इंटरमीडियट तक की पढाई पूरी हुई.....चूँकि पिता जी पुलिस में थे इस कारण तबादलों के साथ स्कूल भी बदलते रहे।
आज से लगभग 7 साल पहले आपके पिता जी ड्यूटी पर कुछ बदमाशों से भिड़ंत में घायल हो गये और बहुत जिम्मेदारियों का भार देते हुए दुनिया से रुखसत हो लिए..... इतनी कम उम्र का लड़का एक छोटी बहन और माँ.... अभी दुनिया को करीब से देखा भी नही था, मस्ती भरे दिन चल रहे थे हाईस्कूल पूरा हुआ था शायद......दुनियादारी की कोई ख़बर नही सम्हालने को, मार्गदर्शन को घर के बुजुर्गों का साथ नहीं.........।
और इन्हीं परिस्थितियों ने पुनीत को इतना समझदार और क़ाबिल बनने को प्रोत्साहित किया.....हम और हमारा परिवार सदा से ही साथ रहा है हर क्षण में।
आज बहन IIT से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही है और पुनीत भाई IIMC से पढ़ाई पूरी करके एक प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल #बोलता_हिंदुस्तान में पत्रकार #बोलता_यूपी के एडिटर इन चीफ हैं। निष्पक्ष और बेख़ौफ़ पत्रकारिता में आज एक नाम आपका भी है....जिससे मैं ख़ुद को गौरान्वित महसूस करता हूँ। मेरा हमेशा साथ देने वाले भाई बहुत प्यार आपको।
दुआ है आप हमेशा मेरे साथ रहो।
― अश्विनी यादव