जन्मदिन की बधाई दादा
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हाँ मैंने अपनी पढ़ाई -लिखाई के समय में से थोड़ा सा कीमती समय एक जगह पर ख़र्च किया था वो भी किसी शायर के सानिध्य के लिये, वैसे तो जुड़ाव शायर होने की वजह से हुआ था लेकिन बाद मुझे दादा और बच्चे जैसी मुहब्बत का एहसास होने लगा सो समय बीच बीच में ख़र्च होता गया। मैं इस दावे से कह सकता हूँ आज यानी 3 जून 2020 से पहले के क़रीब 3 साल मैंने केवल पढ़ाई पर दिए लेकिन इसी बीच में एक ऐसे महान शख़्सियत का इतने क़रीब आना और रिश्ते में जुड़ जाना नाम देना और फिर चले जाना...... वाक़ई में मेरी ज़िन्दगी के बदलाव का सबसे शानदार तथा दुःखद पलों का मेला था।
एकदम ग़ज़ब का मेला था शुरुआत में सारी दुकानें एकदम बेहतरीन लगीं, फिर चलते चलते एक साथी कहीं खो गया अब मुझे पूरे मेले को पार करना होगा और फिर मेले के दूसरे छोर पर हम दोनों मिलेंगें जहाँ पर मिलने का वादा किया गया है। मुझे यक़ीन हैं कि आप मेरे काम की बहुत सारी चीज़ें सँजोये होगे उस पार। लेकिन तब तक मैं पूरे मेले में आपके क़िस्से सुनाता रहूँगा🙏
स्वर्गीय श्री भारत भूषण पन्त जी का जन्मदिन यानी मेरी शाइरी के लिए भी एक अहम दिन, वैसे आपने मुझे शाइरी तो नहीं सिखाई लेकिन जो तजुर्बा दिया है मुहब्बत दिया है और जाने का ग़म दिया है न वो मेरी शाइरी की जान है। वो दर्द, मुहब्बत और तन्हाई को महसूस करने का रंग ही मेरी शाइरी को वजूद देता है। आपको पढ़ने के बाद दुनिया को देखने का नज़रिया बदल जाता है......एक अलग ही बात है आप में।
वैसे तो आप ग़ालिब के दीवाने थे, उन्हीं की ज़मीन पर बहुत ग़ज़लें कही है आपने लेकिन मैं आपके ग़ैरमौजूदगी में भी कहता हूँ कि मेरे ख़ातिर आप 'ग़ालिब से पहले हो'। मैंने बहुत ज़ियादः तो नहीं पढ़ा है लोगों को लेकिन जितना भी पढ़ा है कोई भी आप जितना महसूस नही हुआ है।
आपने मुझे धीरेन्द्र सिंह 'फ़ैयाज़' जैसे बड़े शायर को भाई के रूप में भेंट किया। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पूछने पर आपने कहा कि मेरा बच्चा है, बड़ा प्यारा बच्चा है, शाइरी सीख रहा है...एक दिन नाम करेगा...अच्छा लिखता है अभी भी। अब क्या ही कहूँ दादा कि आपने क्या क्या नही दिया क्या क्या दे दिया...बहुत कुछ है।
मैं विस्मृता लेकर आ रहा हूँ जल्द ही और उस दिन जो आपके सामने कहा था वो ही मेरा मक़सद रहेगा, आप वहाँ जन्नत से देखिएगा कि आपका बच्चा इस देश भर में कैसे नाम रौशन करता है🙏
सब कहते हैं तू वापिस आ जा घर अपने,
कब आये हैं राह-ए-जन्नत जाने वाले....
दादा आपको जन्मदिन की दिल से मुबारकबाद, आप शाइरी में ज़िन्दा हो बस ये ही आपके इस दुनिया में होने का निशाँ है।
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अश्विनी यादव