कुल पेज दृश्य

रविवार, 18 नवंबर 2018

मेरा राम

मेरा राम
______________
मेरा राम मेरा है
मेरा है बस मेरा है....

मैं उससे हूँ वो मुझसे है
जितना भी हूँ उसका हूँ
वो भी उतना मेरा है
नहीं जरूरत मुझको किसी
संघ की, प्रमाण की
तलवार की, दहाड़ की
पूजा के सामान की
न मंदिर की न धाम की
न मूर्ति न मिठाई की
न कोर्ट में गवाही की
न लोंगों की न सत्ता की
न नेता न अधिवक्ता की
न ख़ून से न प्यार से
न बंदूक न तलवार से
राम तो बस नाम है
और नाम मे ही प्राण है
प्राण सिर्फ़ मेरा है
मेरा राम मेरा है.......

वो कल्पना दिलाशा हो
या अनकही अभिलाषा हो
न बताओ न ही पूछो
मेरा राम मेरा क्या है
झूठ हो या सत्य हो
अदृश्य हो प्रदत्त हो
जान हो जहान हो
या मेरा अभिमान हो
तुमको कोई हक़ नहीं है
हमसे यह पूछने का
राम को साबित करो
या नाम पे लड़कर मरो
मेरी मर्ज़ी मेरा है वो
जैसे चाहूँ वैसे मानूँ
जैसे चाहूँ वैसे पूजूँ
इसमें क्या उलझा तेरा है
मेरा राम बस मेरा है....

न रंग की न रूप की
न मेवे की न धूप की
न दीप की गुलाल की
न चंदन लगे भाल की
न वस्त्र की न शस्त्र की
न किसी भी वस्तु की
न देश से न भेष से
न किसी संदेश से
मैंने उसको पा लिया है
उसने भी अपना लिया है
वो हमारी आन है
मान है जहान है
तुम जानों क्या वो तेरा है
मैं जानता हूँ वो मेरा है

मेरा राम मेरा है
मेरा है बस मेरा है.......

___________________
   अश्विनी यादव