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बुधवार, 26 मई 2021

नज़्म ( राजा का हुक़्म )

राजा ने ये हुक़्म दिया है
बोलोगे तो मौत सज़ा है

मरघट पर क्यूँ भीड़ लगी है
चुप रहना सब नींद लगी है

बस चुप हो जाओ चीख़ो मत
है जीभ सलामत बोलो मत

दफ़्न हुए हैं जो भी तेरे
हैं जो बाक़ी वो भी तेरे

उन पर हाथी चलवा देगा
सबको यूँ ही मरवा देगा

चुपकर एकदम चुप ही हो जा
वरना वो ज़ालिम सुन लेगा

मैं भी चुप हूँ तू चुप हो जा
तू है ही नहीं यूँ चुप हो जा

पहले सबको मर जाने दो
हर वोटर को तर जाने दो

देखो ये सबकी मेहनत है
सबके हिस्से सौ लानत है

मौत चुने थे बटन दबाकर
शेर के मुँह पर ख़ून लगाकर

आदमख़ोर भला क्या खाए
आदम खाये जहाँ भी पाए

लाश जला कर क्या पाओगे
राख वहीं पर पहराओगे

    – अश्विनी यादव