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गुरुवार, 27 मई 2021

एस्मा एक्ट

योगी सरकार ने लागू किया 'एस्मा एक्ट' : अब छह महीने तक हड़ताल नहीं कर सकेंगे कर्मचारी


लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की तरफ से एक बड़ा निर्णय लिया गया है। सरकार प्रदेश में 'एस्मा एक्ट' लागू कर दिया गया है। इसके तहत अब अगले छह महीने तक कोई भी कर्मचारी प्रदेश में हड़ताल नहीं कर पाएगा।

      जहाँ एक तरफ उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण का कहर ज़ारी है और इन सब के बीच सरकारी कर्मचारियों की ओर से की जाने वाली हड़ताल पर अब प्रदेश सरकार ने अगले 6 महीने के लिए फिर से पाबंदी लगा दी है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से गुरुवार को एक बड़ा निर्णय लिया गया है। सरकार प्रदेश में 'एस्मा एक्ट' लेकर आई है। इसके तहत अब अगले छह महीने तक कोई भी प्रदेश में हड़ताल नहीं कर पाएगा। सरकार द्वारा लाए गए इस एक्ट को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की भी मंजूरी मिल गई है। राज्यपाल ने भी सरकार के इस फैसले पर अपनी स्वीकृति दे दी है।


      
        आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम 1966 के तहत यूपी सरकार की ओर से लागू किए गए एस्मा एक्ट को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की भी मंजूरी मिल गई और गुरुवार को इसे लागू किया गया। अगले 6 माह तक किसी भी सरकारी कर्मचारी की ओर से हड़ताल नहीं की जा सकेगी। यदि किसी सरकारी कर्मचारियों की ओर से इस एक्ट के बाहर जाकर प्रदर्शन करता है तो सरकार की ओर से उन हड़तालियों को "बिना वारंट के गिरफ्तार" कर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, साथ ही अन्य निर्णय भी सरकार द्वारा लिया जा सकता है।

      एक तरह से योगी सरकार अब और विरोध नहीं झेलना चाहती है। चूँकि कुछ ही महीने बाक़ी हैं चुनाव होने में और अभी महामारी में इतनी अव्यवस्था के बाद अब सरकार किसी भी तरह के प्रदर्शन या विरोध हों ऐसा बिल्कुल भी नहीं चाहती है। 

आइये जानते हैं कि क्या है एस्मा एक्ट?

   गौरतलब है कि, एस्मा भारतीय संसद द्वारा पारित अधिनियम है, जिसे 1968 में लागू किया गया था। संकट की घड़ी में कर्मचारियों के हड़ताल को रोकने के लिए ये कानून बनाया गया था आवश्‍यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्‍मा) हड़ताल को रोकने के लिये लगाया जाता है। विदित हो कि एस्‍मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्‍य दूसरे माध्‍यम से सूचित किया जाता है । किसी राज्य सरकार या केंद्र सरकार की तरफ से ये कानून अधिकतम छह महीने के लिए लगाया जा सकता है। इसके लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध‍ और दण्‍डनीय है।

सरकारें क्यों लगाती हैं एस्मा?

  • अधिकतर सरकारें एस्मा लगाने का फैसला इसलिये करती हैं क्योंकि हड़ताल की वजह से लोगों के लिये आवश्यक सेवाओं पर बुरा असर पड़ने की आशंका होती है। आसान भाषा में कहा जाए तो आवश्‍यक सेवा अनुरक्षण कानून यानी एस्मा वह कानून है, जो अनिवार्य सेवाओं को बनाए रखने के लिये लागू किया जाता है।
  • इसके तहत जिस सेवा पर एस्मा लगाया जाता है, उससे संबंधित कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते, अन्यथा हड़तालियों को छह माह तक की कैद या आर्थिक दंड अथवा दोनों हो सकते हैं।

क्या फ़ायदा है सरकारों को एस्मा से ?

 राज्य सरकारों के पास एक ऐसा तरीका है जिससे वह जब चाहे कर्मचारियों के आंदोलन को कुचल सकती है, विशेषकर हड़तालों पर प्रतिबंध लगा सकती है और बिना वारंट के कर्मचारी नेताओं को गिरफ्तार कर सकती है। एस्मा लागू होने के बाद यदि कर्मचारी हड़ताल में शामिल होता है तो यह अवैध एवं दंडनीय माना जाता है।


  •      देखा जाए तो एस्मा एक केंद्रीय कानून है जिसे 1968 में लागू किया गया था, लेकिन राज्य सरकारें इस कानून को लागू करने के लिये स्वतंत्र हैं। कुछ परिवर्तन कर कई राज्य सरकारों ने स्वयं का एस्मा कानून भी बना लिया है और ज़रूरत पर उपयोग भी करते हैं।