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मंगलवार, 2 मई 2017

लौट मत आना

गर तुम्हें छोड़कर जाना है तो शौक से जाओ
पर ख्याल रहे तुम फिर कभी लौट मत आना,
कोई शिकवा शिकायत हो तो सुना के जाओ
तुम बात नई लेके फिर कभी लौट मत आना,
हमें भुला दो,  अपने भुला दो,  और ये शहर
पर रिश्ता कोई जोड़कर कभी लौट मत आना,
होगा ताज़्जुब  जरा सा लोगों और खुदा को
पर हमारी  लाज रखने कभी लौट मत आना,
कोई उम्मीद नहीं  पर एक वादा करते आओ
न ज़िक्र करना, न फ़िक्र करना, न याद करना,
     
         ― अश्विनी यादव