गर तुम्हें छोड़कर जाना है तो शौक से जाओ
पर ख्याल रहे तुम फिर कभी लौट मत आना,
कोई शिकवा शिकायत हो तो सुना के जाओ
तुम बात नई लेके फिर कभी लौट मत आना,
हमें भुला दो, अपने भुला दो, और ये शहर
पर रिश्ता कोई जोड़कर कभी लौट मत आना,
होगा ताज़्जुब जरा सा लोगों और खुदा को
पर हमारी लाज रखने कभी लौट मत आना,
कोई उम्मीद नहीं पर एक वादा करते आओ
न ज़िक्र करना, न फ़िक्र करना, न याद करना,
― अश्विनी यादव
हमें प्रयास करते रहना चाहिए ज्ञान और प्रेम बाँटने का, जिससे एक सभ्य समाज का निर्माण किया जा सके।
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मंगलवार, 2 मई 2017
लौट मत आना
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