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जिस दिन कोई आगे बढ़कर आएगा,
तेरे मन में ख़ुद से ही डर आएगा,
तूने ये सब पहले से ही लिक्खा है,
जो आएगा लाश पे चढ़कर आएगा,
अंदर वाले अपने बाहर जाएगें,
बाहर वाला काफ़िर अंदर आएगा,
वो हँसकर सीने से लगाएगा पहले,
उसके बाद पुराना ख़ंजर आएगा,
आख़िर किसको जन्नत मिलने वाली है,
पहले इक वीराना मंजर आएगा,
सबसे पहले तुम अपना कागज लाओ,
उसके बाद हमारा नम्बर आएगा,
इक दिन संसद नाम तिरे हो जाएगा,
मेरे हिस्से जंतर -मंतर आएगा,
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@अश्विनी यादव