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गुरुवार, 25 जनवरी 2018

भूमि को पहले जन्मदिवस पर बधाई

मेरी जान तुम्हें जन्मदिवस पर
ढेरों ढेर बधाई है,
घर-आंगन में खुशियां गूँज रही
जब से तू आई है,

मेरी जान तुम्हें जन्मदिवस......

बंजर बंजर से हम सहरा में तू
कोपल सी आई है,
घर के मुरझाये बागों में कूकने
कोयल सी आई है,

सुनो जरा 'भूमि' बिटिया रानी
बीते एक बरस से,
मुझ शज़र पर तू सावन सी
हर दिन छाई है,

मेरी जान तुम्हें जन्मदिवस पर
ढेरों ढेर बधाई है.......

.......प्यारी भतीजी भूमि को पहले जन्मदिवस के अति शुभावसर पर अनन्त बार शुभकामनाएं.....आकाश भर आशीर्वाद....मेरी दुआएं मेरी बच्ची तुम्हारे साथ हैं.....

        ― अश्विनी यादव

सोमवार, 8 जनवरी 2018

मेरी घड़ी, चौराहा और तुम


छोटी सुई को बार बार
लगातार करती रही पार
मेरी घड़ी की बड़ी सुई
और मैं एक बार घड़ी
एक बार उस रस्ते को
जिससे तुम आओगी,

चौराहे के वो किनारा
जो अक्सर पूछ लेता है
वो देर से आएगा तो
क्यूं पहले आ जाते हो
फिर मेरे पास मुस्कुराने
अपनी आंखें चमकाने
सिवाय और न होता,

चौराहे की बाकी सड़के
हंसती रहती थी
मैं उलझन में खुश होता
और घड़ी से पूंछता
तू और कितनी देर से
आज भी आएगी
घड़ी की सुई बढ़कर
कहती थी वो आ रही,

इत्ती गाड़ियों के शोर
बाजार की चहल पहल
फेरीवालों के बुलावों
के बीच मे भी
मैं साफ सुन लेता था
अपनी तेज हुई धड़कन
अपने घडी की टिकटिक
तुम्हारे बिना पायल के
कदमों की आहट
साफ़ सुन लेता था मैं,

वक़्त तब भी न था
आज भी नही है न
तुम्हारे पास फिर से
की चले आते मिलने
पहले जैसे देर से सही
पर आ तो जाते ही
बड़ी बेसबर सी
थोड़ी पथराई हुई
मेरी आँखें
जरा सा धीरे हुई
मेरी घड़ी
हर रोज सँवरता सा
ये जवां होता चौराहा
हां इंतजार में हैं
तुम आओगी फिर
देर से ही सही,
पल्लू खुद में खुश
सबसे मिलती हुई
पैदल चलती हुई
तुम आओगी
देर से ही सही.....!!

  ― अश्विनी यादव​​

रविवार, 7 जनवरी 2018

एक छाता और थोड़ी बारिश

शुरू कहाँ से करूँ
मैं ये छोटी सी कहानी
वो-मैं साथ ही थे
और थोड़ी सी जवानी,
बस मैं तकता रहा
आ जाये अब आ जाये
थोड़ी सी बारिश
औ क़िस्मत जगा जाये,
आसमां में घटाएं
जरा सा ही रहम कर दें
कुछ बूंदे बरसे औ
हमें इक छाते में कर दें,
बस इत्ती सी ही
इक ही तो ख़्वाहिश है
आज वो पास है
यूँ फुंकी की नुमाइश है,
जरा बरस देगा
तेरा क्या चला जाएगा
सोच इस लम्हें में
सदियों आराम आएगा,
      
      ― अश्विनी यादव​​

बुधवार, 3 जनवरी 2018

ये वादा रहा तुमसे

हम ये वादा नहीं करते,
तुझे जमाने की सारी खुशियां देंगे,
पर ये वादा है तुमसे,
अपने हिस्से की सारी खुशियां देंगें,

मंजिल दूर होगी गम नही,
साथ रहो सारी दूरी तय कर लेंगें,
लड़ना हुआ जहां से भी,
तुम्हारा हाथ पकड़ ये भी कर लेंगें,

पर वादा है तुमसे.............।।

हर साज़िश हर दर्द हमसे,
होकर ही गुजरेगा ये वादा रहा,
प्यार न बदलेगा कसम से,
हर दिन ही बढेगा ये वादा रहा,

आंसू न मिल पायेगा तुमसे,
ऐ सनम हम ऐसा जतन कर देंगें,
पर यह वादा रहा तुमसे,
अपने हिस्से की सारी खुशियां देंगे,

पर ये वादा रहा तुमसे.........।।

     ― गुड्डू यादव