तुम्हें ग़र भूल जाऊँ तो
मुझे कुछ चैन आ जाये
वो ही सब बात मुझको याद
अभी तक आ रही हैं पर
मुझे क्या भूल जाना है
ये सब भी याद रखना है
यही सब याद रहने में
नहीं कुछ भूल पाता हूँ
मगर अब भी गुज़ारिश है
ख़ुदा मुझ पर रहम कर दे
कि उसको भूल जाने में
ज़रा मेरी मदद कर दे
ये मेरी साँस ले ले तू
ये मेरा होश भी ले लो
मेरी आँखें मिरा ये दिल
मेरा साया मेरा ये नाम
तुम्हें जो भी ज़रूरत हो
मेरे मौला तू सब ले ले
मगर दर्दे-निहाँ से अब
रिहाई भी अता कर दे
~ अश्विनी यादव
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