सच बोल देता हूँ तो वो दोस्त मुझसे नफ़रत करने लगता है, क्योंकि वो सच उसके ख़िलाफ़ हो जाता है। मैंने कभी भी उसको झूठा नहीं कहा, पर मैंने नजरिये से जो देखा सच बोल दिया।
हालांकि मैं भी उसे अच्छा लगता, बस उसके खाईं में गिरने तक उसकी हाँ में हाँ मिलाता रहता।
ख़ैर इसका एक और तरीका है मैं उसके हर किये पर टोकना बंद कर दूँ। जिसके लिए मुझे अपने आँख, कान बन्द करना पड़ेगा।
हमें प्रयास करते रहना चाहिए ज्ञान और प्रेम बाँटने का, जिससे एक सभ्य समाज का निर्माण किया जा सके।
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सोमवार, 17 सितंबर 2018
सच बोल देना चाहिए
बुधवार, 12 सितंबर 2018
कैनवास लेकर बैठो
तुम कैनवास लेकर बैठो
मैं तुम्हारे इर्द-गिर्द
खोया खोया सा मिलूँगा
अपनी सांसों में भिगोकर
चाहतों के रंग से
इक तस्वीर बना देना
जिसमें मेरी मुहब्बत
तुम्हारे लिए पागलपन
और हमारी कहानी
झलकती हो
हाँ जान बना देना...
― अश्विनी यादव
मंगलवार, 11 सितंबर 2018
तुम जा रही हो जाना
मैं किसी सरसों के पौधे सा
मदमस्त झूम रहा हूँ,
तुम इक बेपरवाह तितली सी
हवा संग घूम रही हो,
लाखों पौधों में मुझ एक को
तुम्हारा चुन लेना ही,
सबसे अनमोल बना दिया
उस पूरे खेत भर में,
तुम्हारा आना औ चूम लेना
इत्तेफ़ाक नहीं है,
ये ख़ुदा की मर्ज़ी है शायद
या शिद्दत की चाहत,
तुम्हें देख मेरा खिल जाना
झूम उठना इश्क़ है,
उफ़्फ़ ! तुम जा रही हो क्या
मेरे नीरस होते ही,
जाओ पर मालूम हो तुम्हें
इतना ए मेरी जाना,
जिंदा की कोशिश करूँगा
जो मुमकिन नहीं है,
― अश्विनी यादव
रविवार, 2 सितंबर 2018
कृष्ण जन्माष्टमी ( तुम्हारी शरण चाहिए है )
हर जीवन का हर क्षण चाहिए है
हमको तुम्हारी शरण चाहिए है,
सारा जीवन गुजर जाएगा यूँ
दर्श.न को तेरा चरण चाहिए है,
तुम्हारे चरण में शरण चाहिए है....
माखन, मिश्री, वंशी औ गइया
ऐसी ही धरती गगन चाहिए है,
रुक्मिणी, राधा औ बावली मीरा
प्रेम में सबको मगन चाहिए है,
तुम्हारे चरण में शरण चाहिए है......
जैसे अर्जुन को लड़ना सिखाया
वैसे ही हमको जतन चाहिए है,
कंस को मार के अधर्म मिटाया
हमको वहीं वो किशन चाहिए है,
तुम्हारे चरण में शरण चाहिए है।।
― अश्विनी यादव