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शनिवार, 30 अप्रैल 2022

नज़्म ~ फिर युद्ध नहीं होंगे

कोई भी दीवार
नहीं रोक सकती
प्रेम, परिंदे, गीत

कोई भी युद्ध
नहीं ला सकता
शांति, सुकूँ, मुस्कान

हम ज़्यादा से ज़्यादा
बात करें
और प्रेम करें
तब यक़ीनन सदियों तक
कोई युद्ध नहीं होंगे।

~ अश्विनी यादव