यहाँ -वहाँ सब तरफ
अख़बार से लेकर
टीवी के ख़बरों तक
बस नफरत ही बँट रही है
आजकल नफरत का कारोबार
बहुत बढ़ गया है
शायद इसकी मांग भी है
ख़ून के छीटे ऐसे
गहरे सुर्ख लाल
गाढे से हैं, जो
मिटा सकते हैं किसी भी
उजाले को... लेकिन
इस तिमिर में मुझे
एक चमकती हुई चीज दिखी
इससे रौशनी आ रही है
जिसकी साँसे चल रही थी
यानी एक दीपक जल रहा था
"मुहब्बत की हिफाज़त,,
कर्म में है इसके
शायद कुछ एक खुशियाँ
मयस्सर न हुई हैं
या यूँ कहूँ वो ख़ुशी
नाक़ाबिल थी इसके....
आज भी आँधियों से लड़ता है
और मुहब्बत की हिफाज़त
ज़िन्दादिली से करता है
ये यार है, भाई है, आवाज है
इस मुहब्बत का नाम 'अफराज़' है।
जन्मोत्सव की बहुत बहुत शुभकामनाएं, बड़े भाई हो, दोस्त हो बस इतना ही कॉफ़ी, चाय, दारू, कोल्डड्रिंक सब है मेरे लिये,,,, भाई तुम्हारी सलामती के लिए बहुत दुआएँ,,,, भगवान भोलेनाथ की कृपा सदैव बनी रहे और ऐसे ही पूरे जगत भर में मुहब्बत बाँटते रहो जान। बाक़ी तो आपकी हर क़ामयाबी मेरी क़ामयाबी है भाई।
एक सबसे ख़ास बात "मैं नल्ला हूँ, कमाता धमाता नही हूँ तो आप अभी से पैसे जमा करके रखो क्योंकि दिल्ली आऊँगा तो स्टेशन से उतरने के बाद एक फूटी कौड़ी नही ख़र्च करूँगा मैं सब आपको ही करना पड़ेगा याद रखियो गुरु,, और हाँ अपने शादी के अपने ड्रेस के साथ मेरी भी ख़रीदकर रख लेना भैय्ये....ये रिक्वेस्ट नही है बस बता रहा हूँ.....😊😊😊😊
बहुत दुआएँ यार भैया आप ख़ुश रहो सलामत रहो, बहुत मुहब्बत।
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अश्विनी यादव
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