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शुक्रवार, 13 अप्रैल 2018

भीमराव अम्बेडकर जयंती

धत्त साले तू एकदम 'चमार' लग रहा है बे.....शक्ल तो एकदम 'भंगी' वाली है।
बहुत बेकार और है तू 'चमारिन' कहीं की.....
___ये शब्द जातिसूचक है और आज 21वीं सदी में भी समाज के नालायकों द्वारा इसे गाली के तौर पर इस्तेमाल करने वाले समाज में आपसी सौहार्द की बात करते हैं, समभाव की बात करते हैं.....अम्बेडकर जयंती की रेलम-पेल बधाई दिए पड़े हैं।
खैर छोड़िये सब समाजहित में सौहार्द, समभाव, सामाजिक न्याय के क्षेत्र में अद्वितीय कदम उठाने वाले श्री भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती पर समस्त देशवासियों को हार्दिक बधाई।
        "खुद को बदलिए सिर्फ मुखौटा बदलने से कुछ नहीं बदलेगा,,

            ― अश्विनी यादव

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