आइये आज के दिन आपको मिलवाते है एक ऐसी शख्सियत से जो अपने जीवन के साथ परिवार के दायित्व को निभाते हुए....समाज के लिए, महिलाओ के लिए, गरीबो के लिए, जानवरों के लिए, बेसहारों के लिए, कैदियों के लिए, पीड़ितों के लिए अपनी जिंदगी को एक #आसरा_फाउंडेशन के रूप में संघर्षरत है।
ये महिला जिन्हें हम सब दीदी कह कर पुकारते है वो #शिल्पी_चौधरी के नाम से भी ख्याति प्राप्ति की है।
.......आइये देखते है कि
इनकी सोच क्या है..?
कैसे काम करने का तरीका है..?
क्या भविष्य में चाहती है.....?
तो मेरी उनसे बात हुई और मैंने इस बारे में जानने की कोशिश की उन्होंने बताया कि जब तक अशिक्षा, गरीबी, असमानता, अव्यवस्था बनी रहेगी तब तलक ये शोषित वर्ग पे अराजकता ही राज करेगी। इसके लिए हम सभी को अपनी ओर से जो सके उत्थान के लिए करना ही चाहिए।
रही बात काम करने के तरीके की तो किसी को अच्छा लगे या बुरा लगे कोई फर्क नही पड़ता जो सही है वो बोल देना चाहिए, मैं बोल देती हूं,,,, कोई एक रास्ता ही न चुना जाना चाहिए समाजसेवा का जो भी दिक्कत आपको नजर आए उस पर काम करना शुरू, कैदियों के सुधार के लिए, किसी की दवा करवानी हो, किसी बलत्कृत बिटिया के न्याय के लिए कोर्ट जाना हो, या किसी असहाय के लिये प्रशासन से लड़कर हक दिलाना हो......गाय, कुत्ता, बिल्ली, बंदर, कोई भी जानवर या इंसान हो बस उनके जीवन के लिए अपने अंदर मानवता जागृत रखना ही चाहिए और वो मैं करती हूं। ऐसा उनका कहना है।
.......भविष्य का कोई खास सोचा नहीं गया है बस ऐसे ही चलते जाएंगे और जितना हो सकेगा जहां से हो सकेगा जिस प्रकार हो सकेगा करते जाएंगे हां यदि कोई अच्छा मौका मिलता है कि मैं समाज की बेहतरी के लिए और भी कुछ कर सकूं तो मैं अवश्य ही उन सभी चीज के बारे में सोचूंगी फिलहाल राजनैतिक मूड तो नहीं है फिर भी सामाजिक कार्यों में जिस प्रकार की बाधाएं आती हैं उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि हां मुझे कुछ और ताकत की आवश्यकता है।
...... उक्त सारी बातें हमने शिल्पी दीदी को सोशल मीडिया पर एब्जार्ब करके और उनसे बातचीत के बीच का कुछ अंश है। यदि कुछ छूट रहा है तो आप जोड़ सकते है।
― अश्विनी यादव की कलम से
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