उन बच्चों की मुस्कान 😍
अगर आपके मन में दया और श्रद्धा है तो माधव आपके साथ हैं। आज एक दुकान पर फ्राइड राइस खा रहा था तभी तीन बच्चे आ गए, बोले भैया कुछ खिला दीजिये.. अगर उन्होंने पैसे माँगे होते तो यक़ीनन मना कर हटा देता लेकिन अन्न कैसे मना किया जा सकता है।
पूछा क्या खाओगे ?
बच्चों का जवाब था- चाऊमीन
बगल वाली दुकान पर मिल रहा था सो दुकान दुकानदार को बोलकर बच्चों को दिलवा दिया।
इधर मेरा अगला निवाला चम्मच में था कि उस पर निग़ाह पड़ गयी जिसमें एक स्टेपलर पिन थी, मेरे होश उड़ गए क्योंकि वो मुँह या पेट में चली जाती तो जाने क्या होता राम।
और फिर...
दुकानदार को फटकार लगाई लेकिन बहुत कुछ नहीं कहा क्योंकि वो नई ऐज का लड़का ख़ुद का बिजनेस शुरू किया था।
उसके बाद जाकर बच्चों का पेमेंट किया, पूछा बस न बेटा.. और कुछ तो नहीं चाहिए न..
बच्चों ने मुस्कुराते हुए कहा नहीं भैया बस।
मुस्कान देना धर्म का काम है।
शुक्रिया कृष्णा🙏🏼
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