हमारा―
नया दिन, नया वर्ष,
नयी उमंग, नया हर्ष,
नया मौसम, नया जीवन,
नया सूरज, नयी किरण,
नये सुर, नयी तान,
जिस क्षण मिला हिंदुस्तान ।।
हम अम्बर पे है चाँद छू लिए,
नयी पंख नये उड़ान चुन लिए,
हौसला हर दिन दो गुना बढ़ा है,
सूर्य हिन्द का बहुत खूब चढ़ा है,
लेकिन दर्द झलकता है नन्ही आँखों से,
मजदूरी मजबूरी बनी है नन्हे हांथो के,
अब 70 बाद आवाज उठाना जरूरी है,
इन्हें कलम दो यही भविष्य की तिजोरी है,
"जय हिंदुस्तान जय जवान जय किसान"
―अश्विनी यादव
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